सर्दी-झुकाम, बदलते मौसम और हवाई पोल्लुशन के कारण कभी कभी गले में दर्द होना एक आम समस्या है। आज हम गले मे दर्द के इलाज (Gale me dard ka ilaj )के बारे में बताएँगे। साथ ही आप जानेगे गले में दर्द होने के कारण एवं लक्षण क्या है।
किसी भी व्यक्ति के लिए गले में दर्द होना एक दुखदायक घटना हो सकती है। जिसमे आपको खाना खाने में दिक्कत आती है खासकर जब आप खाना निगलने की कोशिश करते हैं तो दर्द और बढ़ सकता है। जिससे खाद्य पदार्थों और तरल पदार्थों का सेवन करना मुश्किल हो जाता है। यह अत्यंत दुखदायी हो सकता है, ऐसे में गले के दर्द का इलाज करना बहुत जरूरी हो जाता है।
हलाकि गले में दर्द होना डॉक्टर को एमर्जेन्सी में बताने के लिए पर्याप्त गंभीर नहीं है, लेकिन फिर भी यह दर्दनाक होता है और रात को आपकी नींद ख़राब कर सकता है। इससे छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सहारा ले सकते है, लेकिन इनका अधिक सेवन करना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। सामान्यतया, आप कुछ घरेलू नुस्खों और जड़ी-बूटियाँ को अपनाकर गले के दर्द को ठीक कर सकते है । इसके लिए सबसे पहले यह जानते है, की गले में दर्द होना क्या है?
गले में दर्द होना क्या है?
गले मे दर्द होना सामान्यतः प्रदूषित वातावरण या अन्य किसी भी कारणवश गले में सूजन आना, दर्द होना या गले में खराश हो सकती है। जिसमे में वायरस, कीटाणु, बैक्टीरिया एवं एलर्जी जैसे कारन भी शामिल है। इसके साथ सर्दी-झुकाम, बुखार, कान में दर्द के कारण भी गले मे दर्द होने की शिकायत रहती है। इस दौरान व्यक्ति के गले में जलन, खिचखिच होना जैसे कई ओर भी कई लक्षण दिखने लगते है।
गले में दर्द के लक्षण | Sore throat symptoms in Hindi
गले मे दर्द के लक्षण | Sore throat symptoms in hindi
जब गले में दर्द महसूस होता है तब निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते है।
- गले मे खुजली व खराश होना।
- खाना निगलने या बोलने में दर्द होना।
- टॉन्सिल में सूजन होना।
- गला सुख जाना।
- टॉन्सिल में सूजन होना।
- खांसी होना।
- गले मे दर्द के कारण बुखार आना।
- बार-बार छिक आना।
- आवाज़ धीमी हो जाना।
- सांस लेंने में परेशानी होना।
- गर्दन एवं गले के आसपास पास दर्द होना।
गले में दर्द के कारण | Causes of sore throat in Hindi
अगर हम गले में दर्द के कारण के बारे में देखे तो कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित है
- मौसम में परिवर्तन आने के कारण।
- धूल के कण के कारण।
- सर्दी-खाँसी होने के कारण गले में दर्द होना।
- तेज या चिलाचिलाकर बोलना।
- वायरल संक्रमण या कीटाणुओं के कारण।
- स्ट्रेप थ्रोट।
- तंबाकू, केमिकल या प्रदुषण के संपर्क आने से।
- शुष्क हवा के कारण गले में सूखापन।
- जीभ, गर्दन की नली में यदि ट्यूमर होने पर।
- पाचन तंत्र के विकार के कारन (गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स)
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Gale Me Dard Ka Ilaj
नमक वाले पानी के गरारे करें
गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले के दर्द में राहत मिलती है। यह गले की खराश को शांत करने और स्राव को तोड़ने में मदद कर सकता है। नमक गले में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है।
इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर घोल बनाएं। इस नमक वाले घोल का आपको गरारा करना है।
दालचीनी का उपयोग करें
दालचीनी एक ऐसा मसाला है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ होते है, जिनमें से एक है गले के दर्द एवं खराश को कम करना शामिल है दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
आप एक चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 एक ग्लास गर्म पानी में मिलाए। इसे छानकर दिन में 2 से 3 बार पिएं। आप चाहे तो शहद के साथ दालचीनी मिलाकर भी सेवन कर सकते है। इसका सेवन करने से गले के दर्द में राहत मिलती है।
गले के दर्द में भाप लेना
शुष्क हवा लेना गले के दर्द को बढ़ा सकता है, तो हवा में कुछ अतिरिक्त नमी जोड़ने से गले की खराश में फायदा होता है। भाप लेने से गले के अंदर राहत मिलती है।
ऐसा करने के लिए, एक कटोरे में उबला हुआ पानी डालें। अपने सिर पर एक तौलिया लपेट लें और अपने मुँह को कटोरे के ऊपर रख कर सामान्य रूप से सांस लें। जिससे भाप आपके मुंह और नाक के माध्यम से प्रवेश कर सके। ऐसा 10 से 15 मिनट तक करें। अगर कटोरे में भाप कम हो जाये तो उसमें और उबाला हुआ पानी मिलाये।
गले में दर्द के लिए हल्दी वाला दूध
गले में दर्द के लिए हल्दी वाला दूध पीना एक लोकप्रिय घरेलु उपाय है। इसके लिए दूध गरम किया जाता है और फिर एक चम्मच हल्दी डाली जाती है। फिर इस मिश्रण को पिया जाता है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होता है जो गले में सूजन को कम करने में मदद करता है। दूध भी गले को कोट करता है और दर्द को शांत करने में मदद करता है।
लौंग के तेल का इस्तेमाल करें
सदियों से गले की खराश के इलाज के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता रहा है। लौंग में यूजीनॉल नामक एक यौगिक होता है, जो दर्द को कम करने में प्रभावी होता है। हाल ही के एक अध्ययन में पाया गया कि लौंग गले के दर्द को कम करने में ओवर-द-काउंटर दवा इबुप्रोफेन की तुलना में अधिक प्रभावी पाया गया है।
गले में खराश के दर्द को कम करने के लिए लौंग का उपयोग करने के लिए एक कप गर्म पानी में लौंग के तेल की कुछ बूंदें डालें और 30 सेकंड तक गरारे करें।
हररोज़ हर्बल चाय पिएं
गले में दर्द सहित कई अन्य तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सदियों से हर्बल चाय का उपयोग किया जाता रहा है। इन में खास कर ग्रीन टी, कैमोमाइल टी, तुलसी, मुलेठी, अदरक, और पुदीना जैसी हर्बल चाय का उपयोग किया जा सकता है। हर्बल चाय का सेवन करने से सूजन को कम करने में बहुत मदद मिलती है। आप हर्बल चाय में शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार जरूर सेवन करें।
गले के दर्द में इससे परहेज करें | What to avoid in throat pain
यदि आप गले में दर्द का अनुभव कर रहे हैं तो कुछ चीजें हैं जिनसे आपको बचना चाहिए। मसालेदार भोजन, गर्म पेय और शराब, यह सभी गले में खराश पैदा कर सकते हैं। आपको धूम्रपान से भी बचना चाहिए, क्योंकि धूम्रपान आपके गले को और परेशान कर सकता है। यदि आपका गले में दर्द सर्दी या फ्लू का कारण है, तो आपको डेयरी उत्पादों से भी बचना चाहिए, क्योंकि डेयरी आइटम बलगम के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। मसालेदार या अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचना एक अच्छा विचार है, क्योंकि ये गले में जलन पैदा कर सकते हैं।
गले के दर्द में क्या खाना चाहिए
चाय या सूप जैसे गर्म तरल पदार्थ पीने से गले के दर्द में आराम मिलता है। मसले हुए आलू या दही जैसे नरम खाद्य पदार्थ खाना भी मददगार हो सकता है। साथ ही गाजर और गोभी की अच्छी तरह पकाई गई सब्जियां भी खा सकते है। इसके साथ अनार का रस, केला और चिकन सूप भी अपने आहार में शामिल कर सकते है।
अंत
Gale Me Dard Ka ilaj करने करने के लिए इन प्राकृतिक उपायों को आजमा सकते है। साथ ही बहुत सारे तरल पदार्थ पीते रहे और भरपूर आराम करते रहे हैं। यदि इन उपायों को आजमाने कुछ दिनों में आपको दर्द से राहत न मिले तो डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करे.